
एलजीबीटी गौरव महिना 2020: समावेशिता को जोड़ते हुए अधिकारों को समझना तथा जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाना
क्या LGBT गौरव महीना सभी के लिए गर्व का स्रोत है?

क्या LGBT गौरव महीना सभी के लिए गर्व का स्रोत है?
जून का महीना ‘एलजीबीटी प्राइड मंथ’ को चिन्हित करता है जोकि स्टोनवेल दंगों (1969) की याद में है जो समलैंगिक समुदाय के खिलाफ हुए थे। एलजीबीटी प्राइड मंथ लेस्बियन, गे, बाइसेक्शुअल और ट्रांसजेंडर कम्युनिटी (एलजीबीटी) से संबंधित लोगों के लिए मुक्ति के महीने के रूप में भी चिन्हित किया जाता है। LGBTQA को शामिल करने के लिए इस संक्षिप्त नाम को और बढ़ा दिया गया था जहाँ Q माने Queer (अजीब) और A का अर्थ है Asexual(अलैंगिक)।
एलजीबीटी समुदाय से संबंधित बड़ी संख्या में लोगों ने पुष्टि की है कि उन्हें भेदभाव, अवसरों की कमी, अपमान और उनकी पहचान और अभिविन्यास के प्रति असंवेदनशीलता का सामना करना पड़ता है।
समाज के लिए इसका क्या मतलब है?
मानव जाति के जीवित रहने के लिए समावेशिता महत्वपूर्ण है। एलजीबीटी प्राइड माह की स्थापना, समावेश और विविधता का जश्न मनाते हुए, एलजीबीटी समुदाय के प्रति लोगों की सहिष्णुता और जागरूकता के स्तर को बढ़ाने के लिए की गई थी। यद्यपि रंगारंग समारोहों और सम्मेलनों से प्राइड महीने के उत्सव को चिह्नित किया जाता है, एलजीबीटी समुदाय के लोगों को समाज में अपने अस्तित्व पर वास्तव में गर्व महसूस करने के लिए कई और बदलावों की आवश्यकता है। (हालाँकि समान सेक्स संबंधों और विवाह को मनाने के लिए कुछ क्षेत्रों में कानून विकसित हुए हैं।)
एलजीबीटी मुद्दे: एलजीबीटी भेदभाव क्या है? एलजीबीटी समुदाय के लोग किन मुद्दों का सामना करते हैं ?
अमित समलैंगिक है और एक दमित जीवन जीता है। नौकरी से निकाले जाने के डर से वह अपनी स्थिति का खुलासा नहीं करता है। वह फ़ीके रंगों के चयन की चाह के बावजूद गाढ़े, बोल्ड रंगों के कपड़े पहनता है। घर पर, अमित को अपनी चिंताओं से मुक्ति पाने में मुश्किल होती है जिसकि वजह से उसे धूम्रपान करने की लत लगी है।
‘एलजीबीटी प्राइड’ की जननी, ब्रेंडा हावर्ड ने पहले एलजीबीटी प्राइड जुलूस (1970) को समन्वित किया था ।
इस व्यापक भेदभाव के कारण वह उच्च भावनात्मक तनाव, घुटन, चिंता, अवसाद इत्यादि के शिकार होते हैं। उनमें से कई खुलकर "बाहर आने" में सक्षम नहीं होने के कारन आंतरिक संघर्ष से पीड़ित होते हैं। अफसोस की बात यह है कि ऐसी परिस्थितियों का मुकाबला करने के चक्कर में उनके मादक द्रव्यों के सेवन की तरफ आकर्षित होने की संभावना अधिक होती है।
एलजीबीटी अधिकार: हमें, एक समाज के रूप में, एक स्वीकृत संस्कृति बनाने की जरूरत है।
जागरूकता की आवश्यकता: इस बात का ध्यान रखने की सख्त आवश्यकता है कि हर व्यक्ति एक जैसा महसूस नहीं करता, या उन विकल्पों का अनुसरण नहीं करता जिन्हें विषमलैंगिक लोग अपने जीवन में चुनते हैं। वे मानव हैं और जीवन शैली तथा अभिविन्यास की प्राथमिकताओं में भिन्नता का अर्थ यह नहीं है कि वे "अलग" हैं।
मान्यताओं में बदलाव: ऐसी दूषित मान्यताओं को बदलना बेहद आवश्यक है जिसमे यह माना जाता हो कि विभिन्न यौन अभिविन्यास वाले लोग "बुरे" लोग होते हैं या उन्हें "हमारे जैसे" होने की आवश्यकता है।
स्वीकृति की आवश्यकता: सभी गतिविधियों में समावेशी रहते हुए हमें विभिन्न प्राथमिकतावाले लोगों का स्वीकार करना सीखना होगा। हमें ऐसे व्यक्तियों का सम्मान करने और उन्हें सकारात्मक रोशनी में देखने की जरूरत है।
अधिक संवेदनशीलता: उनके साथ बातचीत करते समय जागरूक रहें। "आप को कब पता चला कि आप समलैंगिक हैं?" इस तरह के सवाल पूछना बंद करें। उनकी जरूरतों का सम्मान करें और संवेदनशील बनें।
तव-मित्रम् एक 'बिना-लाभ' संस्था है जो निशुल्क समूह कोचिंग सत्रों के माध्यम से भावनात्मक स्वास्थ्य का निर्माण करती है।
हालाँकि दुनिया भर में कानून विकसित हो रहे हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर एलजीबीटी व्यक्तियों के प्रति भेदभाव को मिटाना एक विशाल कार्य है। किन्तु, अगर हम हाथ मिलाएँ और एक-एक कदम से शुरूआत करें, तो एलजीबीटी समुदाय सम्मानित, स्वीकृत और मूल्यवान महसूस कर पाएगा। हमारे आसपास मानसिक बीमारियों वाले कम लोग होंगे और हर कोई स्वस्थ और विशुद्ध जीवन जी सकेगा।
क्या आपने कभी एलजीबीटी भेदभाव का सामना किया है? क्या आपको कभी तंग किया गया है? कृपया किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करें। अपने भीतर की ताकत का पुनर्निर्माण करें।
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इस पूरे ब्लॉग में, एलजीबीटी शब्द का उपयोग एक संकेत के रूप में किया गया है लेकिन उसका अर्थ सिमित नहीं है। इसमें queer (अजीब), अलैंगिक और खुदकी पहचान पर सवाल उठाने वाले लोग भी शामिल हैं।