अपूर्व विकास जीवन के एक शिक्षार्थी और सम्मोहन के अभ्यासी हैं। पुणे और पीसीएमसी क्षेत्र में रहकर, वह अपने क्लायन्ट्स को जिंदगी तलाशने, अनुकूलन करने, उनकी इच्छा को प्राप्त करने और जीवन में शांति पाने में मदद करते हैं।
वह वयस्क मुद्दों, संबंधों, व्यक्तिगत मुद्दों, आत्म विकास, व्यक्तित्व सुधार और भावनात्मक समस्याओं के विशेषज्ञ हैं।
अपूर्व विकास के बारे में
अपूर्व यहाँ निर्णय या आलोचना के बिना केवल आपकी बात सुनने के लिए है।वह यहाँ आपको आपका अवकाश देने और उस अवकाश को तलाशने के लिए आप के साथ होंगे । आप उनके साथ अपने विचार सांझा कर सकते है। देखिए, खोजिए, परीक्षा कीजिए| अपने व्यक्तित्व को हर पहलू से परखिए| और अपने अन्दर क्या छुपा है वह जानिए, ताकि शायद आप उसे अपनी प्रगति के लिए उपयोग में ला सकें |
अपूर्व का मानना है कि जीवन जीने का कोई सही या उचित तरीका नहीं है। उनका मानना है कि मानव जाति को किसी मानक या " परिपूर्ण " जीवन पद्धती के अधीन नहीं किया जा सकता है।
और इस तरह की कोई आवश्यकता भी नहीं है।
यदि हम यह देखने के लिए सहमत हों कि हम अपने मतभेदों के साथ इकठ्ठा रह सकते हैं तो संसाधनों की प्रचुरता और सम्पन्नता हो सकती है । खुद के साथ और एक दूसरे के साथ। आइए। वह आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं ।
मेरी यात्रा
लोगों को समझने और उनकी खोज करने के प्रति मेरे अभिसंस्करण के बारे में जागरूक होने, उक्त और अनसुना सुनने की क्षमता होने के कारन, मैं 15 अगस्त को वापस सकाल इंटरनेशनल लर्निंग सेंटर में काउंसलिंग में शामिल हो गया,जहाँ मैं डॉ. पारस से मिला।
उनकी पहल पर, हमारे समूह में एक दूसरे को प्रथम नाम से बुलाने की सहमति हुई जिसमे खुद को दूसरों से बहेतर दिखाने की होड़ न होना निहित था। यह धारणा मेरे साथ गूंजती रही!
मैंने उन पांच दिनों में बहुत कुछ सीखा और समझा। अपने बारे में और मैं जिन में रुची रखता हूँ उन क्षेत्रों के बारे में। इससे मुझे उन्नती की और अग्रेसर होने में सहायता मिली। यह एक यात्रा है जहाँ प्रत्येक मील का पत्थर सीखने का एक नया स्तर लाता है; और सुंदरता यह है कि ये मील के पत्थर अनंत हैं! इस यात्रा पर होना मूल रूप से लोगों के साथ उन चीज़ों को साझा करने के बारे में है जो आप मानव होने के नाते सीखते हैं।
मैं काउंसलिंग, रैशनल इमोटिव बिहेवियर थैरेपी और ट्रांसेक्शनल एनालिसिस के बेसिक्स में आगे की शिक्षा के लिए डॉ. पारस के साथ एडवांस कोर्स का भी हिस्सा रहा हूँ ।
मैं मानद आधार पर दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल,पुणे से वहाँ के लोगों को उन की समस्यओं के बारे में मदद करने और अभ्यास के माध्यम से मेरी समझ को आगे बढ़ाने के लिए अवैतनिक तौर पर जुड़ा| मेरी राय में, कुछ भी समझने का एक अच्छा तरीका है की उस चीज़ को वास्तव में करना । मैंने अपनी निजी प्रॅक्टिस भी उसी दौरान शुरू की|
आज मै तव-मित्रम् में साथ मेंटॉर के रूप में कार्यरत हूँ और यह बात मुझे काफी आनंद देती है|
मेरे लिए तवमित्रम् का मतलब क्या है
"मदद" एक सुंदर शब्द है!
यह प्यार के बारे में है। आस्था, सकारात्मकता, लगाव, रचनात्मकता इस बारे में है। जो सफलता की संभावना, बढ़ाता है।
और इसमें विकास भी है। कैसे?
जब हम मदद करने के लिए सहमत होते हैं, तो हम सिर्फ इस लिए मदद नहीं करते हैं, क्योंकि हम मदद कर सकते हैं; लेकिन हम मदद करते हैं क्योंकि हम ऐसा करना चाहते हैं।
यह प्रगति के लिए सहमत भागीदारी करने के बारे में है। इस में कोई श्रेष्ठता की बात नहीं है कि मेरे पास वह है जो आप के पास नहीं है। हम मदद करते हैं क्योंकि हम एक दूसरे की अच्छी बातों के साथ जुड़ सकते हैं और इसे एक साथ जोड़ सकते हैं। यह दो सकारात्मक धाराओं को एकीकृत करने के बारे में है। यह अनुभव दोनों को विकसित करता है।
यह एक साथ बढ़ने और विकसित होनेके लिए एक सहमति है। वही मेरे लिए तव-मित्रम् का महत्त्व है|
सीमा पार करने और विकसित होने का एक अवसर। आप के साथ| मै यह देखने के लिए यहाँ पर हूँ | देखें कि हम इंसान क्या बन सकते हैं। हम और क्या कर सकते हैं। हम क्या बेहतर हासिल कर सकते हैं। एकीकृत प्रयासों के माध्यम से। मेरे और आपके|
मैं आपसे जुड़ना चाहता हूँ । आप के साथ बात करना चाहता हूँ । आप से सुनना चाहता हूँ । आपसे कुछ बाँटना चाहता हूँ ।
और यदि संभव हो, तो मैं यह चाहता हूँ कि हम दोनों मिलकर कुछ ऐसा शानदार करें, कि जब हम अपनी अपनी राह पर आगे बढ़े,विशेषतः
मुस्कुरातेचेहरों के साथ, तब आदर्श रूप से हमारे मन में पवित्रता, शांति और आशा बनी रहे ।
जी हाँ | मैं तव-मित्रम् मेंटॉर के रूप में कार्यरत हूँ,क्योंकी मै वही बनना चाहता हूँ: “आपका मित्र-आपका दोस्त|”