आज, 50 साल की आयु में भी, “प्रेरित कीजिए या ख़त्म हो जाइए” यह सिद्धांत उन्हें आकर्षित करता है: यह है विनीता|
वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक घर, "जाणीव" की ट्रस्टी: यह है विनीता|
विनिता गुंदेचा के बारे में
एक शेरनी जो पिछले 23 सालों से लायन्स क्लब से जुड़ी है; और वर्तमान में लायन्स क्लब पूना की अध्यक्ष हैं| यह है विनिता|
200 से अधिक कार्यक्रमों में एक एंकर के रूप में उनकी भूमिका उनके सामाजिक संबंधों और अनुभव को बढ़ाती है। जब विनीता गुलज़ार की आत्मकथा का संकलन करती है; इसे एक कार्यक्रम में क़रीब एक हजार सुप्रतिष्ठित दर्शकों के सामने प्रस्तुत कर के उस माध्यम से 5 लाख का फंड संकलित करती है, तो यह उनके जीवन के लिए एक मील का पत्थर बन जाता है। " सीज़नल आइटम्स" के रूप में एक व्यवसाय का प्रबंधन करते हुए, कई सामाजिक मंच के साथ समन्वयित होने से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।
अपने पति जो एक बिझनेसमेन है, और बेटों के साथ, जिन में से एक सीए और दूसरा और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर कर रहा है, जब वह एक छोटी बच्ची को गोद लेती है, तब उनके जीवन में पूर्णता का एहसास होता है।
मेरी यात्रा
2015 में, विनीता ने काउंसेलिंग की मूल बातें समझने के लिए डॉ. पारसद्वारा संचालित एक कोर्स पूरा किया| उस दौरान उन्होंने सीखा कि मानवता को कैसे साझा किया जाए और उस के लिए दूसरों को कैसे प्रेरित किया जाए। इससे प्रोत्साहित होकर, आगे की शिक्षा की इच्छा से, उन्होंने काउंसेलिंग में एक उन्नत पाठ्यक्रम के लिए डॉ. पारस के साथ फिर से संपर्क किया|
जैसे-जैसे उनकी जागरूकता की सीमाएँ बढ़ीं, ढेर सारी भावनाओं ने उनके मन में एक कोलाज के रूप में घर कर लिया; और यहीं पर उन्हें "तव-मित्रम्" के बुलावे में सौहार्द मिला। खुद को एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में निवेशित करते हुए, "सेवा" और "सहायता" जैसे शब्द उनके पूरे अस्तित्व को प्रभावित करते हैं। कहते हैं कि इन दिनों आशा के झरने मिलना दुर्लभ है; जिस कारन मनोवैज्ञानिक सहायता की आवश्यकता निर्माण हो रही है| समाज के कई स्तरों के साथ काम करने के दौरान उन्हें एहसास होता है कि, तव-मित्रम् जैसा एक मंच आवश्यक क्यों है।
आज वह तव-मित्रम् का एक अनिवार्य हिस्सा है और उन्हें इस पर गर्व है|
मेरे लिए तव-मित्रम् का मतलब क्या है
आज, तव-मित्रम् के साथ, मैंने पारंपरिक मूल्यों और जीवन में जो तनाव पैदा करती है, ऐसी बदलती जीवन शैली की अपेक्षाओं के बीच एक मधुर स्थान खोजने की चुनौती स्वीकार की है । समृद्धता की आशा करते हुए, मैं सशक्तिकरण की ओर बढ़ती हूँ।
तव-मित्रम् मुझे जीवन के लिए नए और बेहतर तरीके सिखा रहा है । यहाँ कोई भौतिक लाभ नहीं है; और कोई नुकसान भी नहीं। कोई विजय नहीं और कोई हार नहीं। गर्वित प्रतिभा की कोई बदबू नहीं;प्रसिद्धि की कोई चमक नहीं और ना हीगर्व करने के लिए कोई झूठी दुलार। यहाँ सरलता है; एक बच्चे की तरह। वह लोग जिनका हमसे कोई नाता नहीं था, तवमित्रम् में आकर अपने शुद्ध आत्मा से हमारे शुद्ध मन को अवशोषित करते हैं। सादगी और प्यार भरे हाथों से हम जीवन में राहत महसूस करते हैं। सचमुच, मित्र कोच बनना एक ऐसा आनंददायी अनुभव है जो शब्दों से परे है। तव-मित्रम् को आपके बुलावे (निर्णय)का इंतजार है!